Navratri Day 5: स्कंदमाता की पूजा विधि!

Written by Shailesh Chetariya

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Navratri Day 5: नवरात्री के पांचवे दिन माँ भगवती के स्वरुप स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है. स्कंद (कुमार कार्तिकेय) के माता होने के कारन भगवति के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जता है. इनके विग्रह में बाल स्वरुप में भगवान स्कंद इनके गोद में बिराजमान रहते है. स्कंदमाता का रंग एकदम शुभ्र है, और उनका आसन कमल होने के कारन उनको पद्मासना के नाम से भी पूजा जाता है. माता की सवारी एक सिंह है, और उनको भगवान शिव की पत्नी माना जाता है.

पौराणिक कथाओ के अनुसार स्कंदमाता की पूजा करने से आपको संतान योग की प्राप्ति होती है, इसी वजह से माता को वास्तल्य की मूर्ति माना जाता है. हिन्दू मान्यताओ में स्कंदमाता को सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप से भी पूजा जाता है. नवरात्री के पांचवे दिन जो भी भक्त सच्चे मन और पुरे विधि विधान से माता की पूजा करता है, उसे ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है.

स्कंदमाता का प्रिय रंग श्वेत है, माता की पूजा अर्चना करते समय श्वेत या पीले रंग के वस्त्र पहनना काफी शुभ माना जाता है. माता को भोग में केला या दूध से बनी खीर को चढ़ा सकते है, इन दोनों चीज़ का भोग चढ़ाना आपके लिए काफी लाभदायक होगा. क्यूंकि माता का प्रिय फल केला है और माता को निवेघ में खीर अर्पित की जाती है.

किसे करनी चाहिए स्कंदमाता की पूजा अर्चना

वैसे तो हर माई भक्त स्कंदमाता के पूजा अर्चना कर सकता है. लेकिन खास करके वो दंपति जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते है, उन्हें सच्चे मन से, विधि-विधान से मंत्रो का जाप करके, कथा सुनकर और पढ़कर , आरती करने के बाद माता को केले का भोग लगाकर, केलो का ही दन कुछ निर्धन बच्चो में करना चाहिए. अपने हाथो से दान करने से माता पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद तो देती ही है, लेकिन जन्म लेना वाला वो पुत्र भाग्यशाली और निरोगी भी रहता है.

माता के आशीर्वाद से प्राप्त बच्चे की रक्षा स्वयं स्कंदमाता करती है.

पूजा विधि

पूजा करने के सुबह उठकर सबसे पहला कार्य, आपको स्नान करना होगा। उसके बाद हाथ में स्वच्छ जल या पुष्प लेकर माता का व्रत रखने का मन में संकल्प लेना है। संकल्प लेने के बाद मन में ही एक बार स्कंदमाता का नाम लेकर, पूजा के लिए आसन ग्रहण करे। सबसे पहले मंदिर को गंगाजल से पवित्र करे, और पूर्व दिशा में मुंह रखकर पूजा सामग्री को इकट्ठा करे।

जिसके बाद स्कंदमाता को स्नान कराएं और श्वेत या पीले वस्त्र को पहनाए। यदि आपके घर में माता की कोई मूर्ति नहीं है, तो आप स्नान कराने और वस्त्र पहनाने संकल्प मन में ही लेकर भी इस विधि को कर सकते है।

दीपक जलाकर मंत्रो का उच्चारण करें, व्रत की कथा को पढ़े और सुने। जिसके बाद अंत दुर्गा सप्तशती का अध्याय और दुर्गा चालीसा को सुने या पढ़े।

Shailesh Chetariya

Shailesh Chetariya

Shailesh Chetariya is a news reporter at CSC News. Shailesh is passionate about telling stories that make a difference in the lives of their readers. When Shailesh is not reporting, he can be found spending time with his family.

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