Women Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के पारित होने को भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल देश की मातृशक्ति को सशक्त बनाने और उन्हें राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी ने कहा कि लोकसभा में इस बिल के पारित होने से देश की महिलाओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि जब राज्यसभा में भी यह बिल पारित हो जाएगा, तो देश की मातृशक्ति का भरोसा देश को नई दिशा देगा।
मोदी ने निचले सदन में इस बिल को पारित करने में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी दलों के सहयोग से यह बिल पारित हो सका है।
विपक्षी दलों ने किया समर्थन
भारतीय संसद के निचले सदन, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को भारी बहुमत से पारित कर दिया गया है। इस बिल के समर्थन में 454 और केवल दो सांसदों ने विरोध में मतदान किया। इस तरह, यह बिल नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला विधेयक बन गया। लोकसभा में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने इस बिल का विरोध किया।
Women Reservation Bill पास होने के बाद पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली – आज, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों का धन्यवाद किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा, “नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए सदन की शानदार शुरुआत हुई है। इससे महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलने वाली है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के ऐतिहासिक समर्थन से यह बिल पारित होना एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा, “यह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को हृदय से धन्यवाद दिया और कहा कि यह बिल भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
क्या है Women Reservation Bill
महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटों को आरक्षित करने का प्रावधान करता है। इसका मतलब है कि इन संस्थानों में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह बिल पहली बार 1996 में पेश किया गया था, लेकिन अब तक पारित नहीं हो पाया था।
मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल का पारित होना एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि यह बिल देश की महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बिल के पारित होने के बाद, इसे अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। अगर राज्यसभा में भी यह बिल पास हो जाता है, तो इसे कानून के रूप में लागू किया जाएगा।
हालांकि, बिल को लागू होने में कुछ समय लग सकता है। जनगणना के बाद जब परिसीमन होगा, उसके बाद ही इस कानून को लागू किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के लिए आरक्षण नहीं होगा।
बिल के पारित होने पर महिलाओं ने खुशी व्यक्त की है। उनका मानना है कि इससे महिलाओं को राजनीति में अधिक भागीदारी करने का अवसर मिलेगा और वे समाज में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी।
अगले कदम इस बिल को लेकर
बिल के राज्यसभा में पेश होने के बाद, वहां भी इसके पारित होने की संभावना है। क्योंकि, विपक्षी दलों ने भी इस बिल का समर्थन किया है।
बिल के लागू होने के बाद, लोकसभा में 181 और राज्य विधानसभाओं में 1810 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इससे महिलाओं के लिए राजनीति में भागीदारी के अवसरों में काफी वृद्धि होगी।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Women Reservation Bill)का पारित होना एक ऐतिहासिक घटना है। इससे भारत में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं को राजनीति में अधिक भागीदारी करने का अवसर मिलेगा।