किस देश के लोग सबसे ज्यादा सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते है!

Written by Shailesh Chetariya

क्या आपने ने कभी सेकंड-हैंड चीज खरीदी है? फिर चाहे वो कोई घर का सामान हो या फिर कार हो या फिर कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हो। हमने हमारी पूरी जिंदगी में कभी न कभी तो सेकंड-हैंड चीज जरूर ही खरीदी होगी। आप में से कई लोगो की फर्स्ट कार सेकंड हैंड होगी तो कई लोगो की फर्स्ट बाइक सेकंड हैंड होगी।

हम सब यही मानते है की भारत के लोग बड़े ही जुगाड़ू है, वो कोई भी मौका नहीं छोड़ते अपने पैसों को बचाने का। लेकिन हम आपको यह दुनिया के 10 ऐसे देशों के बारे में बताएंगे जहा के लोग सबसे ज्यादा सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते है और उनको यूज भी करते है। इसका मतलब हम दुनिया में अकेले नहीं है, जो सेकंड-हैंड चीज़े खरीद कर अपने पैसों को बचाते है। मजे की बात तो यह है की इन देशों में हमारा देश भारत टॉप पर नही है, एक ऐसा भी देश है जो हमारे देश के लोगो से भी ज्यादा जुगाड़ू है।

सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने के फायदे

सेकेंड-हैंड चीज़े खरीदने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:

पैसे की बचत: सेकेंड-हैंड चीज़े अक्सर नई चीज़ों की तुलना में काफी सस्ती होती हैं, खासकर उच्च-गुणवत्ता या डिजाइनर चीज़ों के लिए।

पर्यावरण की मदद करना: सेकेंड-हैंड चीज़े खरीदने से नए उत्पादों की मांग कम हो जाती है, जिससे संसाधनों के संरक्षण और प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकती है।

कचरे को कम करना: जब आप सेकंड-हैंड चीज़ खरीदते हैं, तो आप उस वस्तु को नया जीवन दे रहे हैं जिसे अन्यथा फेंक दिया गया होता। इससे लैंडफिल में जाने वाले कचरे की मात्रा को कम करने में मदद मिलती है।

स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करना: कई सेकेंड-हैंड स्टोर छोटे व्यवसाय हैं जो अपने ग्राहकों के समर्थन पर भरोसा करते हैं। जब आप सेकेंड-हैंड स्टोर पर खरीदारी करते हैं, तो आप स्थानीय व्यवसायों को चालू रखने में मदद कर रहे होते हैं।

कोई पैकेजिंग नहीं: सेकेंड-हैंड आइटम आमतौर पर किसी भी पैकेजिंग के साथ नहीं आते हैं, जो कचरे को कम करने में मदद कर सकता है।

ज्यादा टिकाऊ: सेकेंड-हैंड वस्तुएं अक्सर नई वस्तुओं की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बनाई जाती हैं, जिसका अर्थ है कि वे लंबे समय तक चल सकती हैं।

सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने के नुकसान

खराब सामान मिलने का डर: सेकेंड-हैंड वस्तुएं डिफेक्टेड या ख़राब हो सकती हैं, और उन्हें वापस करना या उनकी मरम्मत कराना आसान नहीं हो सकता है।

कोई वारंटी नहीं: सेकेंड-हैंड आइटम आमतौर पर वारंटी के साथ नहीं आते हैं, इसलिए यदि वे टूट जाते हैं या खराब हो जाते हैं, तो आपको उन्हें मरम्मत करने या बदलने के लिए आपको भुगतान करना होगा।

तो चलिए जानते है की किस देश के लोग सबसे ज्यादा सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते हैं और उनका यूज करते है।

China

चीन दुनिया में अपने प्रोडक्शन के लिए जाने जाता है। यह एक ऐसा देश है जहा दुनिया में सबसे ज्यादा नए प्रोडक्ट्स बनते है। हमको हमारे देश में मिलने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट में मेड इन चाइना का लेबल देखने को मिलता है। फिर भी चीन इस लिस्ट में सामिल है, चीन के 54% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते है। जिससे चीन हमारी इस लिस्ट में दसवां स्थान हासिल करता है।

Netherlands

नीदरलैंड काफी खूबसूरत देश है, लेकिन सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने में कोई भी संकोच नहीं रखते। उनकी सोच है की जब तक नई चीज की जरूरत न हो तब तक ज्यादा पैसे देकर नई चीज खरीदने की आवश्यकता नहीं है। नीदरलैंड के 55% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते हैं, जिससे यह देश हमारी इस लिस्ट में नौवें स्थान पर है।

Germany

जर्मनी एक ऐसा देश है, जहा उनके कुल क्षेत्रफल विस्तार का तीसरा भाग जंगल से ढका हुआ है। जर्मनी में लोग अपने पैसों को खर्च करने में इतराते है, क्योंकि वहा के 55% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते हैं। जिस कारण से यह देश हमारी इस लिस्ट में आठवें स्थान को हासिल करने में कामयाब रहा।

Poland

पोलैंड अपने बड़े किल्ले के कारण दुनियाभर में मशहूर है। पोलैंड के लोगो ने ही वोडका की शोध की थी, इसी देश में दुनिया का सबसे पहला एसा घर बना था जो ऊपर-नीचे होता था। प्राणियों को प्यार करने वाले पोलैंड के 56% नागरिक सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते हैं। जिस कारण यह देश इस लिस्ट में सातवे स्थान पर है।

France

फ़्रांस के लोग हर साल लगभग 40 लीटर वाइन पीते है, शायद यही कारण है की वो नई चीज खरीदने के पैसे नही बचा पाते होगे। यह सिर्फ एक मजाक है, लेकिन वाइन वाली बात बिलकुल सच है। फ्रांस के 58% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते है। जिससे फ्रांस सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने वाले देशों में छठे स्थान पर है।

United Kingdom (UK)

फुटबॉल, रग्बी, क्रिकेट और बेसबॉल जैसे स्पोर्ट्स का जन्मदाता है, यूनाइटेड किंगडम। जो चार देशों का समूह है, यह दुनिया की छठवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। यहां के 59% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदकर अपने पैसों को बचत करते है। यूनाइटेड किंगडम इस लिस्ट में पांचवे स्थान पर है।

Finland

दुनिया में सबसे ज्यादा दूध और कॉफी का उपभोग करने में फिनलैंड के लोग सबसे टॉप पर है। यहां का हर इंसान दिन में लगभग 1 लीटर दूध का उपभोग करता है और 12 किलो कॉफी हर साल पी जाता है। फिनलैंड के 59% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने में विश्वास रखते हैं। जिससे फिनलैंड सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने वाले देशों में चौथे स्थान पर है।

United States (US)

आप US को इस लिस्ट में देखकर चौक गए होंगे! और भारत को इस लिस्ट जरूर से खोज रहे होंगे। लेकिन US के 59% लोग सेकंड-हैंड चीज़े के साथ अपनी लाइफ जीते है। जिससे US सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने वाले टॉप 10 देशों में तीसरे स्थान पर है।

Bharat

भारत के लोग कितने जुगाड़ू होते है, यह बात दुनिया से छुपी हुवि नही है। जुगाड के मामले में हमारा कोई मुकाबला नहीं है। लेकिन हम सेकंड-हैंड चीज़े खरीदने के मामले में दूसरे स्थान पर है। हमारे देश के 60% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदकर अपना काम चला लेते है।

Australia

ऑस्ट्रेलिया के लोग तो यहां बाजी मार गए, इस देश के 62% लोग सेकंड-हैंड चीज़े खरीदते है। जिससे यह देश दुनिया का नंबर 1 देश बन जाता हैं जहा के लोग सबसे ज्यादा इस्तेमाल की हुवी चीज़ों का उपयोग करना पसंद करते है।

तो आपने इस लिस्ट में सामिल सभी देशों के बारे में जान लिया। अब आपको मेरा एक सवाल है, क्या आपने पहले नंबर पर ऑस्ट्रेलिया होगा इसके बारे सोचा था। हमे कॉमेंट में जरूर बताएं की आपने पहली सेकंड हैंड चीज कौनसी खरीदी थी।

Shailesh Chetariya

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